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राज्यपाल सुश्री उइके,भूपेश एवं महंत ने स्वतंत्रता दिवस पर दी बधाई

(फाइल फोटो)

रायपुर, 14अगस्त।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों सहित पूरे देशवासियों, सेना के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

सुश्री उइके ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश सदियों की गुलामी से मुक्त हुआ था और हमने स्वतंत्रता की ताजी हवा में सांस ली थी।अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों और अनगिनत वीरांगनाओं के समर्पण, त्याग और बलिदान से हमारे देश को परतंत्रता की जंजीरों से आजादी मिली। मैं इस अवसर पर उन समस्त महापुरूषों और वीरांगनाओं को नमन करती हूं।

उन्होने कहा कि आजादी के आंदोलन में अपना योगदान देने वाले आदिवासी वीरों के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ के वीर गुण्डाधुर, वीर गेंदसिंह और शहीद वीरनारायण जैसे जनजातीय वीरों के नेतृत्व में कई सफल जनजाति विद्रोह हुए। इन विद्रोहों ने अंग्रेजी शासन को हिलाकर रख दिया था। मैं उन सभी आदिवासी नायकों को भी नमन करती हूं।

श्री बघेल ने अलग जारी संदेश में कहा कि इस साल भारत को आजादी मिले 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस खुशी में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हजारों लोगों के कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान से हमें यह अमूल्य आजादी मिली है। अलग-अलग जाति, धर्म, खान-पान, बोली-भाषा और भौगोलिक विविधता वाले भारत की आजादी के बाद उसके स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में सफल होने की आशंका जताई गई थी।लेकिन अनेक चुनौतियों के बावजूद आज भारत पूरे विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी अनाम योद्धाओं, शहीदों और वीर जवानों को नमन करते हुए उन्होने कहा कि जिनके बलबूते आज हम आजाद वातावरण में सांस ले रहे हैं, उन्हें याद कर मन सम्मान और गर्व से भर जाता है।

उन्होने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी के बाद जिस लोकतंत्रात्मक गणराज्य का सपना देखा था, उसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार गांधीवादी सोच के साथ ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार की प्राथमिकता समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने, गांवों को मजबूत करने और हर व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की है। बुनियादी स्तर पर गांवों को मजबूत करने के लिए किसानों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की गई है। इसके लिए सुराजी गांव योजना, ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘, गोधन न्याय योजना, गौ-मूत्र खरीदी, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जैसी कई लोक हितैषी योजनाएं शुरू की गई हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.महंत ने कहा कि, भारत की आजादी में अनेक वीरों का अहम योगदान रहा है। भारत का स्वतंत्रता दिवस न केवल ब्रिटिश राज के शासन से भारत की आजादी को दर्शाता है, बल्कि देश की एकता अखंडता शक्ति को भी दर्शाता है। वर्षों तक अंग्रेज़ों के द्वारा गुलामी झेलने के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ था। अंग्रेज़ों के अत्याचार सहने के बाद कितने ही सेनानियों ने बलिदान दिया तब जाकर कहीं हमे आज़ादी मिली। अंग्रेजों से आजादी पाना भारत के लिये आसान नहीं था, लेकिन कई महान लोगों और स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे आसान कर दिखाया। अपने सुख, आराम और आजादी की चिंता किये बगैर उन्होंने अपने भावी पीढ़ी को एक स्वतंत्र भारत देने के लिये, अपना जीवन बलिदान कर दिया।