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नमक के टेंडर में अनियमितता की कोशिश- भाजपा

रायपुर 14 जनवरी।छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने अमृत नमक के वितरण को लेकर जारी टेंडर के मद्देनजर मची खींचतान पर प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।

श्री श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर ‘अपनों’ को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों द्वारा अव्यावहारिक शर्तें जोड़कर व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा से बाहर करने का खेल हो रहा है।उन्होने कहा कि पहली बार नवबंर में जारी टेंडर के निरस्त होने के बाद दूसरी बार के टेंडर में विभिन्न दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के साथ ही चार करोड़ रुपए नेटवर्थ की अनिवार्य शर्तें जोड़े जाने से प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।इधर व्यापारियों में भी नाराजगी बढ़ रही है। राज्य नागरिक आपूर्ति नियम (नान) द्वारा लगाई गई नेटवर्थ की शर्त से मुफ्त नमक विवरण की योजना का टेंडर दो बार निरस्त हो चुका है। अब भी सिर्फ चार निविदाकारों द्वारा टेंडर भरे जाने की सूचना है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि नान की इन शर्तों के चलते कई व्यापारी इसे टेंडर से बाहर हो जाएंगे जो कि कतई न्यायसंगत नहीं माना जा सकता।

प्रदेश प्रवक्ता ने अमृत नमक वितरण योजना के टेंडर में पारदर्शिता अपनाने की मांग करते हुए कहा कि शासन-प्रशासन इस योजना में कुछ लोगों को अनुचित फायदा पहुंचाने की मंशा छोड़कर काम करे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जब मध्यप्रदेश में इसी योजना के लिए टेंडर में कोई शर्त नहीं रखी गई है, तब छत्तीसगढ़ में इस शर्त को अनिवार्य करने से सरकार की नीयत पर सवाल उठता है। हैरत की बात तो यह है कि प्रदेश में व्यापारियों से जीएसटी नंबर भी मांगा जा रहा है, जबकि नमक पर जीएसटी लागू ही नहीं होता!