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’राम वन गमन परिपथ’ को पर्यटन स्थल के रूप में दी जाएगी पहचान

रायपुर 15 नवम्बर।छत्तीसगढ़ में ’राम वन गमन परिपथ’ को पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दी जाएगी।  राजधानी रायपुर से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी (कौशल्या माता मंदिर) से राम वन गमन परिपथ को सम्पूर्ण रूप से विकसित करने की शुरूआत होगी।

मुख्य सचिव आर.पी.मंडल की अध्यक्षता में’राम वन गमन परिपथ’ संबंधी राज्य स्तरीय समिति की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।श्री मंडल ने बैठक में संबंधित विभागीय अधिकारियों को राम वन गमन परिपथ को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने कार्ययोजना पर तेजी से अमल के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

समिति के संयोजक तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राम वन गमन परिपथ में आने वाले छत्तीसगढ़ के आठ महत्वपूर्ण स्थलों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम) और जगदलपुर को विकसित किया जाएगा। मुख्य सचिव के निर्देशानुसार इसकी कार्ययोजना पर तेजी से अमल के लिए चार सदस्यीय टीम भी बनायी जाएगी।यह टीम उक्त आठ चिन्हित स्थलों तथा इसके रूट का भ्रमण कर पर्यटन की दृष्टि से उक्त स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं से संबंधित कार्यो का चिन्हांकन करेगी।

राम वन गमन परिपथ के स्थलों में चिन्हांकित किए गए विकास कार्यो को संबंधित विभागों की योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन कराया जाएगा।साथ ही भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत इस परिपथ की स्वीकृति के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।