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सुषमा स्वराज का राजकीय सम्मान के साथ आज होगा अंतिम संस्कार

नई दिल्ली 07 अगस्त।पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ आज शाम अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिल का दौरा पड़ने से कल रात यहां उनका निधन हो गया। वे 67 वर्ष की थीं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेता को कल रात करीब साढ़े नौ बजे अस्‍पताल लाया गया। डॉक्‍टरों के एक दल ने उनकी जांच की लेकिन उन्‍हें बचा नहीं पाए। स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से उन्‍होंने इस वर्ष लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा।

दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया है और अंतिम दर्शन और श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए भाजपा मुख्यालय ले जाया जाएगा। दोपहर बाद तीन बजे लोधी रोड श्मशान गृह में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

भारतीय राजनीति में स्त्री प्रतिनिधित्‍व का महत्‍वपूर्ण चेहरा सुषमा स्‍वराज लोगों का दिल जीतने के अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत को मूर्त रूप देने के लिए प्रसिद्ध थीं। देश के सर्वाधिक सम्‍मानित नेताओं में से एक सुषमा स्‍वराज ने देश की जनता की सेवा में उल्‍लेखनीय समर्पण का परिचय दिया और अपनी इसी योग्‍यता के बल पर पिछली नरेन्‍द्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री बनीं।

पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के बाद वे देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं। 2018 में राज्‍यसभा में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्‍होंने अपने भाषण में जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की थी।भारतीय जनता पार्टी की इस दिग्‍गज नेता ने जरूरतमंदों को व्‍यक्तिगत हस्‍तक्षेप कर वीजा जारी करवाए और किसी भी संकट में घिरे भारतवंशियों को सहायता पहुंचाने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई।

विदेश मंत्री के रूप में उन्‍होंने भारतीय कूटनीति को नई प्रखरता दी और 2017 में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध को सुलझाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की। कूलभूषण जाधव को पाकिस्‍तान की सैनिक अदालत में सुनाई गई मौत की सजा को अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में चुनौती देने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।

इस वर्ष के आरम्‍भ में इस्‍लामिक देशों के संगठन ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में विशेष सम्‍मानित अतिथि के रूप में भारत का प्रतिनिधित्‍व करते हुए उन्‍होंने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने वालों की कड़ी निंदा की। नेकदिल इंसान मानी जाने वाली अनुभवी राजनेता सुषमा स्‍वराज दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी के लिए प्रिय थीं। सुषमा स्‍वराज सात बार सांसद चुनी गईं और तीन बार विधायक रहीं।

सुषमा स्‍वराज ने अपने आखिरी ट्वीट में जम्‍मू-कश्‍मीर का विशेष दर्जा समाप्‍त करने के प्रस्‍ताव को संसद की स्‍वीकृति दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्‍यवाद दिया। सुषमा स्वराज ने कहा था कि वे अपने जीवन में यह दिन देखने की प्रतीक्षा कर रही थीं और उनके जीते-जी यह दिन आया।