Thursday , March 28 2024
Home / MainSlide / मुख्यमंत्री पद से हटने की उमा को अभी भी है टीस – अरुण पटेल

मुख्यमंत्री पद से हटने की उमा को अभी भी है टीस – अरुण पटेल

अरूण पटेल

स्टार प्रचारक बनाकर 2003 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली उमा भारती मुख्यमंत्री पद पर एक साल भी पूरा नहीं कर पाई थीं कि उनकी जिन परिस्थितियों में इस पद से बिदाई हुई उसकी टीस अभी भी उनके मन में है। घूम-फिर कर वह कभी न कभी सामने आ ही जाती है। उन्हें मुख्यमंत्री पद से केवल इसलिए हटना पड़ा क्योंकि कर्नाटक के हुबली  स्थित मैदान में तिरंगा झंडा फहराने के आरोप में एक अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था। यह ऐसा कारण नहीं था कि इस आधार पर किसी मुख्यमंत्री को पद छोड़ना पड़े। उस दौर में भाजपा में चाल, चरित्र और चेहरा आज के दौर से एकदम अलग था और यह तर्क दिया गया कि उमाजी त्यागपत्र दे दें, नया नेता चुन लिया जाए। नेता के चुनाव के दिन यह चर्चा भी चल पड़ी की कर्नाटक से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों का एक दल रवाना हो चुका है।

बाबूलाल गौर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। उमाजी को गिरफ्तार करने आया अधिकारियों का दल मुम्बई एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है। वहां से भोपाल रवाना होने वाला है। उमाजी ने तो इस्तीफा दे दिया लेकिन वह दल भोपाल पहुंचा ही नहीं।

सार्वजनिक तौर पर भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी से अपनी अनूठी शैली में जब नई दिल्ली में उमा भारती भिड़ गईं तो उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया। कुछ समय बाद ऐसी परिस्थितियां बनी कि उमाजी को अलग भारतीय जनशक्ति नाम से पार्टी बनाना पड़ी। इससे पूर्व बाबू लाल गौर के स्थान पर जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने और उमा भारती उन्हें नहीं चाहती थीं इसलिए वे विधायक दल की बैठक से उठकर बाहर चली गयीं और बाद में उन्होंने राम-रोटी यात्रा निकाली थी। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार को अपना बच्चा और शिवराज को बच्चा चोर तक कहा।

भाजपा में उमा जी की फिर पारी शुरु हुई लेकिन उनकी राजनीतिक कर्मस्थली उत्तरप्रदेश हो गयी। उत्तरप्रदेश से वे विधायक भी रहीं, सांसद भी बनीं और मोदी सरकार में अब काबीना मंत्री भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कार्यकर्ता महाकुंभ में उमाजी ने यह विश्‍वास तो व्यक्त किया कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की चौथी बार सरकार बनेगी लेकिन साथ ही यह चुनौती भी उछाल दी कि यह जीत 2003 से अधिक चमकीली होना चाहिए। हाल ही में बुंदेलखंड के एक कार्यक्रम में उन्होंने फिर कहा कि मैंने भाजपा कभी नहीं छोड़ी मुझे भाजपा से निकाला गया था। यानी अभी भी मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने की टीस रह-रह कर उनके मन में कहीं न कहीं चुभ ही जाती है।

सम्प्रति-लेखक श्री अरूण पटेल अमृत संदेश रायपुर के कार्यकारी सम्पादक एवं भोपाल के दैनिक सुबह सबेरे के प्रबन्ध सम्पादक है।