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भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आवश्यकता- मोदी

नई दिल्ली 22जून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया उस क्षण का इंतजार कर रही है, जब भारत अर्थव्यवस्था को दोगुना करके पचास खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।

श्री मोदी ने आज यहां वाणिज्य विभाग के नए कार्यालय परिसर वाणिज्य भवन का शिलान्यास करने के बाद कहा कि सात प्रतिशत, आठ प्रतिशत की विकास दर से आगे बढ़कर हमें डबल डिजिट की विकास दर प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम करना समय की मांग है। दुनिया की नजरें आज भारत को इस दृष्टि से भी देख रही हैं कि भारत कितने वर्षों में फाइव ट्रिलियन डॉलर के क्लब में शामिल होता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने सात दशमलव सात प्रतिशत की विकास दर हासिल कर ली है, जिससे विकास की गति में तेजी आयी है। देश के आर्थिक विकास की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वस्तु और सेवा कर-जी एस टी तथा एन डी ए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश, काम में देरी करने की संस्कृति से बाहर निकल आया है और प्रौद्योगिकी ने कारोबार करने के तरीकों को आसान बना दिया है। इस अवसर पर वाणिज्यमंत्री सुरेश प्रभु, आवास तथा शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस भवन के निर्माण पर लगभग 226 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्रीय कार्यालयों की वास्तुशिल्प शैली के अनुरूप वाणिज्य भवन में आधुनिक प्रौद्योगिकी की सभी विशेषताएं होंगी।