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मीडिया नही बने राजनीतिक लड़ाई का हथियार – उपासने

रायपुर 16 जनवरी। पान्चजन्य और आर्गनाईजर के समूह संपादक जगदीश उपासने ने मीडिया को राजनीतिक लड़ाई का हथियार बनने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि उसका कार्य देश के अहित की बजाय देशहित का होना चाहिए।

श्री उपासने ने आज यहां रायपुर प्रेस क्लब में पंडित बबन प्रसाद मिश्र की स्मृति में आयोजित ‘राष्ट्रधर्म एवं पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी विचारधारा को नीचा दिखाने के लिए देशहित को पीछे कर ​देना स​ही पत्रकारिता नहीं है।उन्होने कहा कि मीडिया अच्छी तरह समझता है कि राष्ट्रहित कहां है, लेकिन कतिपय लोग उसे हा​शिए में रखने का प्रयास करते हैं।जो मीडिया व्यक्ति की गरिमा का ख्याल नहीं रख सकता वह देशहित की गरिमा का ख्याल कैसे रखेगा।

उन्होंने कहा कि पाठकों की रूचि विकासपरख खबरों में है, न कि अपराधों को महिमा मंडित करने वाली खबरों में।हर मीडिया समूह की एक विचारधारा होती है, लेकिन उस विचारधारा में मिलावट नहीं होनी चाहिए।इस मौके पर श्री उपासने ने पंडित बबन प्रसाद मिश्र को याद करते हुए उनसे जुड़ी अपनी कई यादों को साझा किया।उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत ऐसे महत्वपूर्ण लोगों के मार्गदर्शन में की है।

इससे पूर्व छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद, विश्व संवाद केन्द्र और संगवारी सोशल मीडिया ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में श्री उपासने को स्व.बबन प्रसाद मिश्र स्मृति पत्रकारिता सम्मान से एवं वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार गिरीश पंकज को स्व.उमेश शर्मा स्मृति सम्मान से नवाजा गया।

वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज ने इस मौके पर कहा कि प्रगतिशीलता का मतलब राष्ट्रहित को हाशिए पर डालना नहीं होता।व्यक्ति को जागृ​त करने का काम या तो साहित्य कर सकता है या फिर मीडिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा धर्म है और मीडिया को राष्ट्रधर्म का पालन करना चाहिए।

पान्चजन्य के संपादक डॉ. हितेश शंकर ने कहा कि पत्रकारिता राष्ट्रहित में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संतुलन के बिना पत्रकारिता अपूर्ण है। खबरों में संतुलन, समझ, संस्कार, सामूहिकता और संकल्प का समावेश होना चाहिए। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने बबन प्रसाद मिश्र का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि पंडित मिश्र व्यक्तित्व ही नहीं बल्कि विचार थे। उनके मार्गदर्शन में अनेक लोगों ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर, बबन प्रसाद मिश्र के अनुज गणेश मिश्र एवं सुभाष मिश्र, संगवारी सोशल मीडिया समूह के प्रमुख और बबन प्रसाद मिश्र के पुत्र गिरीश मिश्र, सतीश मिश्र, मनीष मिश्र और अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।