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जांत-पांत और ऊंच-नीच की भावनाओं से समाज को विभाजित करना अनुचित-रमन

कोरबा 17 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि जांत-पांत और ऊंच-नीच की भावनाओं से मानव समाज को विभाजित नही किया जाना चाहिए।

डा.सिंह ने आज यहां सतनाम भवन प्रांगण में गुरू बाबा घासीदास की जयंती की पूर्व संध्या पर तीन दिवसीय ‘गुरू पर्व’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि गुरू घासीदास जी ने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया।उनके उपदेश सर्वसमाज के लिए है।उन्होंने गुरू घासीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद लिया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगर शांति, प्रेम और सद्भावना का वातावरण है तो यह गुरू बाबा घासीदास जी की प्रेरणा से ही संभव हुआ है।उनके आशीर्वाद से राज्य विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है।डॉ.सिंह ने समारोह स्थल (मेला ग्राउंड) के विकास के लिए 15 लाख रूपए तत्काल मंजूर करने की घोषणा की और आयोजकों से आग्रह किया कि वे इस राशि से कौन से कार्य करवाना चाहते हैं उसका प्रस्ताव जिला कलेक्टर को जल्द भेजें।

डॉ.सिंह ने कहा कि गुरू जी ने लोगों को पशु-पक्षियों से भी प्रेम व्यवहार करने की शिक्षा दी। उन्होंने ही कहा था कि भरी दोपहरी खेतों में बैलों को हल में नहीं जोतना चाहिए। उन्होंने सम्पूर्ण मानव समाज को ’मनखे-मनखे एक समान’ के प्रेरक वाक्य के साथ यह संदेश दिया कि सभी मनुष्य एक समान हैं। इसलिए ऊंच-नीच का भेद नही करना चाहिए।

प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने भी समारोह को संबोधित किया। संसदीय सचिव लखन लाल देवांगन और विधायक जय सिंह अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।सतनामी कल्याण समिति कोरबा के अध्यक्ष श्री एस.के. बंजारा ने स्वागत भाषण दिया।