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शराबबंदी के अहम चुनावी वादों को दरकिनार किया भूपेश सरकार ने – रमन

रायपुर 03 अगस्त।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राज्य की भूपेश सरकार पर पूर्ण शराबबंदी के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया है।

डा.सिंह ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस ने गंगाजल लेकर जिन चुनावी वादों करने को पूरा करने की शपथ ली थी,उसमें शराबबंदी शामिल नही थी,इस आशय का स्पष्ट जवाब विधानसभा में आ गया है।इससे सरकार की मंशा साफ हो गई कि वह शराबबंदी नही करेंगी।उन्होने कहा कि शराबबंदी ही नही बल्कि और वादों से वह पिछड़ रही है।

उन्होने बिजली की दरों में कल हुई बढ़ोत्तरी का जिक्र करते हुए कहा कि 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा करने का वादा कर सत्ता में आई इस सरकार ने 180 रूपए बढ़ा दिए।यह जनता के साथ विश्वासघात है।उनके शासनकाल में भी नौ बार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि 15 वर्षों के शासनकाल में बिजली अद्योसंरचना में कितना इजाफा हुआ यह किसी से छिपा नही है।उन्होने कहा कि इस सरकार की बिजली क्षेत्र की कोई योजना नही है।राज्य की पावर रेटिंग भी 20वें स्थान से घटकर 30वें स्थान पर पहुंच गई हैं।

राज्य में बड़ी मात्रा में ऋण लेने एवं अनुत्पादक कार्यों में खर्च बढ़ने से राजस्व व्यय में भारी इजाफा होने का आरोप लगाते हुए डा.सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने 15 वर्षों में औसतन 2200 करोड़ का प्रति वर्ष ऋण लिया,जबकि भूपेश सरकार ने औसतन 16हजार 500 करोड़ रूपए का प्रति वर्ष कर्ज लिया है।अगले दो वर्षों में राज्य का कर्ज बढ़कर एक लाख 20 हजार करोड़ रूपए हो जाने की संभावना है जिस पर ब्याज पर ही 10 हजार करोड़ रूपए अदा करने होंगे।

डा.सिंह ने कहा कि राज्य में अद्योसंरचना विकास के लिए बिल्कुल कर्ज लिया जाना चाहिए।उन्होने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए ऋण लेना और राजस्व व्यय के लिए ऋण लेना दोनो में बहुत अन्तर है।उन्होने हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की आई रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट उल्लेख हैं कि उनके सत्ता में रहते 2016-17 में पूंजीगत व्यय 16.35 प्रतिशत था जोकि 2019-20 में घटकर 10.43 प्रतिशत रह गया है।कैग ने टिप्पणी भी की है कि इससे अद्योसंरचना के बड़े काम रूकने की संभावना है।

उन्होने रिपोर्ट में सड़क निर्माण के लिए 2018-19 में सड़क विकास निगम को आवंटित 1157 करोड़ की राशि में 633 करोड़ रूपए खर्च नही कर पाने के उल्लेख का जिक्र करते हुए भूपेश सरकार को आड़े हाथों लिया।उन्होने नीट में चयनित मेडिकल छात्रों के लिए ओबीसी का कोटा 27 प्रतिशत करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार भी व्यक्त किया।