Friday , March 29 2024
Home / MainSlide / एलएसी की चीन एकतरफा व्याख्या करने से बाज आए- भारत

एलएसी की चीन एकतरफा व्याख्या करने से बाज आए- भारत

नई दिल्ली 29 सितम्बर।भारत ने चीन के इस दृष्टिकोण को अस्‍वीकार कर दिया है कि वह वास्‍तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के बारे में अपने 1959 के रवैये पर कायम है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि भारत ने नियंत्रण रेखा को लेकर चीन की 1959 की एकतरफा परि‍भाषा को कभी स्‍वीकार नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि भारत अपने इस दृष्टिकोण पर शुरू से ही कायम रहा है और चीन सहित सभी को इसकी जानकारी है। उन्‍होंने इस संदर्भ में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर अमन-चैन बनाए रखने के 1993 के समझौते, 1996 के विश्‍वास बनाए रखने के उपायों सम्‍बंधी करार, आपसी विश्‍वास कायम रखने के उपायों को लागू करने की 2005 की संधि और सीमा मसले के समाधान के राजनीतिक मानदंड़ो तथा दिशानिर्देशक सिद्धांतों के बारे में 2005 के समझौते का भी जिक्र किया।

उन्होने कहा कि विभिन्‍न द्विपक्षीय समझौतों के तहत भारत और चीन ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा को लेकर हमेशा एक दूसरे के साथ स्‍पष्‍टीकरण और पुष्टि की नीति अपनाते हुए किसी सहमति तक पहुंचने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है।उन्होने कहा कि चीनी पक्ष का इस बात पर जोर देना कि दोनों देशों के बीच सिर्फ एक ही नियंत्रण रेखा है, इन समझौतों में उसके द्वारा व्‍यक्‍त की जा चुकी वचनबद्धता के खिलाफ है।